Lalitpur Panchkalyanak Gajrath: Lalitpur Jain News| Lalitpur Latest News| UP News 2022| Bundelkhand News 2022| Jhansi News 2022| कस्बा बानपुर में बस स्टैंण्ड स्थित महाराजा मर्दन सिंह क्रिकेट ग्राउंड बानपुर में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के सुयोग्य शिष्य मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज, मुनि श्री समत्व सागर जी महाराज, श्री प्रणत सागर, मुनि श्री सौम्यसागर, मुनि श्री साक्ष्य सागर, मुनि श्री निवृत्तसागर के मंगल सान्निध्य में चल रहे श्री मज्जिनेन्द्र शांतिनाथ चौबीसी तथा मानस्तम्भ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा, विश्वशांति महायज्ञ एवं गजरथ महोत्सव में शनिवार को ज्ञानकल्याणक को भक्ति-श्रद्धा के साथ मनाया गया।
इस दौरान प्रातः 6 बजे अभिषेक,शन्तिधारा,नित्य महापूजन और तपकल्याणक की पूजन की गई। नव दीक्षित महामुनिराज की आहारचर्या हुई। जिसमें पंचाश्चर्य देखकर भक्त भाव-विभोर हो उठे। जैसे ही महामुनिराज शांतिनाथ आहारचर्या के लिए निकले चारों ओर से आवाज गूंज उठी हे स्वामी नमोस्तु, नमोस्तु! आहारचर्या के लिए भक्तों में अपार उत्साह देखा गया। मुनिराज का नवधा भक्ति पूर्वक आहार हुआ। सर्वप्रथम आहार कराने का सौभाग्य प्रतीक शाह परिवार ललितपुर को प्राप्त हुआ। इसके बाद त्यागिवृतियों ने सौभाग्य प्राप्त किया।
Lalitpur Panchkalyanak Gajrath: आत्मा को परमात्मा बनाने के लिए मोहरूपी
दोपहर में ज्ञानकल्याणक की आंतरिक संस्कार क्रियाओं में नयन उन्मीलन, तिलक दान, केवलज्ञान, समवसरण रचना, देवागमन, दिव्यध्वनि विधि विधान के साथ की गई। केवलज्ञानोंत्पत्ति देख श्रद्धालु तीर्थंकर शांतिनाथ का जयकारा करने लगे, इस अवसर पर भगवान की केवल ज्ञानकल्याणक पूजन की गई। इस अवसर पर श्रमणरत्न श्री सुप्रभ सागर जी महाराज ने समवसरण में गणधर के रूप में अपनी दिव्य देशना में कहा कि कोई आत्मा तब तक परमात्मा नहीं बन सकती जब तक उसे संसार से विरक्ति न हो, वह तप न करे, केवलज्ञान न उत्पन्न हो तब तक वह परमात्मा बनने का अधिकारी नहीं है।हमें अपनी आत्मा को परमात्मा बनाने के लिए मोहरूपी शत्रु का नाश करना पड़ता है। वैभव छोड़ने का दृश्य देखना है तो तीर्थंकर के समवसरण देखो।
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